भाईंदर : आज भी देश के हर कोने कोने में छोटे-छोटे गांव छोटी-छोटी बस्तियां बसी है इस बस्तियों में रहने वाले लोग अपने जीवन बिताते समय पानी के लिए तालाब, कुआं,नदियां, झरने आदि का उपयोग करते हुए नजर आते हैं. इस कुदरत की दी हुई देन है. यहां के कुछ स्वार्थी निजी स्वार्थ के लिए काम करने वाले राजनेताओं के मन में स्वार्थ जब पैदा होता है तभी यहां के राजनेता लोग कुओं, नदिया झरने, तलाब गायब करने में माहिर बन जाते हैं ऐसा ही मामला मीराभयंदर महानगर पालिका क्षेत्र में वरसावा गांव में सामने आया है. वसावा गांव के सर्वे नंबर ९० में कई सालों से महसूल विभाग के दस्तावेज पर तलाब मौजूद होने की लोन है. वही तलाब आज कीस्थिति में गायब हो गया है इस तालाब की तलाश में यहां की सरकारी यंत्रणा लग चकी है लेकिन उनको वो तालाब दिखाई नहीं दे रहा है. इस तालाब के अगल बगली की जमीन सेवन ढलेवर कंपनी के नाम है. सीएन एण्ड रॉक होटल की मालिक की जमीन है उस तालाबा के कब्जा करने हेत सीन रॉक के मालिक ने इस सरकारी तालाब में मिट्टीभरावकरके हडपने की कोशिष की लेकिन इस तालाब के किनारे से वॉल कंपाउंड खड़ी की गई थी इसकी शिकायत वहां के रहवासियों २०१६ मनपा मेंतहसील और जिला अधिकारी के पास की थी लेकिन अधिकारियों ने इस शिकायत को नजरअंदाज कर दिया इसका अंजाम यह हुआ की उसी तालाब को अपने वॉल कंपाउंड के अंदर लेकर धीरे-धीरे उस तालाब में मिट्टी भराव करके उस तालाब को गायब कर दिया गया. वहां के रहवासी २०१६ सेलेकर अब तक सरकार के अधिकारियों को शिकायत करते रहे लेकिन सरकार के अधिकारियोंने ना उनकी सुनी ना उनके शिकायत के ऊपर गौर किया.
ना कभी तलाब किधर है यह ढूंढने की कोशिश की लेकिन जब भी यह मामला मीडिया में चलने लगा तभी अधिकारीवर्ग इस तालाब को ढूंढने लगे. इसकी जानकारी लेनेलगे, सभी मीडिया में इस तलाक का मुद्दा उछाला गया तभी यहां के माझी विधायक और उसी उसी होटल के निर्माता नरेंद्र मेहताजीने पत्रकारों को गुमराह करने की कोशिश की और वह तलाव मिट्टी भराव करके बंद किया है ऐसा न्यूज़ चला रहे हो यह न्यूज़ गलत है तलाब तो होटल के बाजू में जैसे का वैसे है ऐसे दिखाने की कोशिश की, उसके फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल होते नजर आए लेकिन मामला यह भी झठनिकला जब सच्चाई आगे बढ़ने लगी तभी सीएन एण्ड रॉक के मालिक को तलाब पूर्ववत करने के लिए अपनी ही जगह पर जेसीबी पोकलेन लगा के तलाब बनाने को शुरुआत की और वहां पर खड़ा बनाकर तालाब का निर्माण हआ ऐसा दिखाया जा रहा है . उसके किनारों पर कई पेड़ पौधे लगाए गए और ऐसा दिखाने की कोशिश की कि यहां पर कुछ गलत हआ ही नहीं लेकिन इस घटनाओं को देखते श्रमजीवी संघटना के द्वारा उस तालाब को मिटाने वाले व्यक्तियों के ऊपर सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए ऐसी मांग आगे आ रही हैं.