दाभोलकर की हत्या में इस्तेमाल की गई पिस्तौल के समुद्र के खाड़ी क्षेत्र में मिलनेका सिबीआय का दावा
मीरा रोड : नरेंद्र दाभोलकर जी की हत्त्या हुई और पुरा महाराष्ट्र के लोंगोको अचानक एक सदमा लगा उसके कुछ समय बाद ही पानसरे ,गौरी लंकेश जैसें लोगोंकी हत्त्या कीं गई इस घटना को अभि लगभग साडे 6 साल से पुलिस को हत्या की मामले की जांच करने में पूरी कामयाबी ना मिलना यह एक समज में चिंताजनक बात बनी हैं
अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के नरेंद्र दाभोलकर मैं अपना पूरा जीवन समाज के प्रति अर्पित किया लोगों में फैली अंधश्रद्धा, भूत प्रेत ,जादू टोना जैसे कर्म करनेवाले लोंगोके उपर कडा प्रहार करनेवाले नरेंद्र दाभोलकर जैसे सामाजिक कार्यकर्ते की हत्या 20 अगस्त, 2013 को पुणे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस केस का तपास सीबीआय कर रही हैं । सीबीआई का दावा हैं की उनको इस हत्त्या के तपास में बड़ी सफलता मिली है। जांच एजेंसी ने पुणे की एक अदालत में दावा किया था कि आरोपित शूटरों में से एक शरद कालस्कर ने हत्या में उपयोग में लाई गई पिस्तौल तोड़कर ठाणे में समुद्र में फेंक दी थी। तो इस पिस्तूल को ढुंडनेके के लिय सीबीआय ने परदेशी जांच एजेंसी की मदत लिई थी
मुबंई के सटे ठाणे जिले में समुद्र के खाड़ी से एक पिस्तौल बरामद करने का दावा किया है। बरामद पिस्तौल को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि यह वही पिस्तौल है, जिससे दाभोलकर की हत्या की गई थी। दाभोलकर की 20 अगस्त, 2013 को पुणे में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
सूत्रों के मुताबिक सीबीआई ने दाभोलकर की हत्या में इस्तेमाल की गई पिस्तौल को खोजने के लिए विदेशी एजेंसी की मदद ली थी। जांच एजेंसी ने पुणे की एक अदालत में दावा किया था कि आरोपित शूटरों में से एक शरद कालस्कर ने हत्या में उपयोग में लाई गई पिस्तौल तोड़कर ठाणे में समुद्र में फेंक दी थी।
पुणे अदालत के सामने सीबीआई ने दावा किया था कि वकील संजीव पुनालकर ने कालस्कर को पत्रकार गौरी लंकेश समेत कई लोगों की हत्याओं में इस्तेमाल किए गए हथियारों को नष्ट करने की सलाह दी थी। वकील पुनालकर भी इस मामले के आरोपितों में से एक है जिसको गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह जमानत पर है। गिरफ्तार होने से पहले कई मामलों में पुनालकर सनातन संस्था के सदस्यों और कार्यकर्ताओं के वकील थे। एजेंसी ने अदालत को यह भी बताया था कि 23 जुलाई, 2018 को कालस्कर ने चार देसी पिस्तौलों को नष्ट कर पुणे से नालासोपारा जाते वक्त ठाणे में समुद्र में फेंक दिया था।